VASTU FOR MANDIR

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VASTU FOR MANDIR We all know that human life is a true story of struggle; in today's time, man keeps on fighting for progress in their life from birth to death, due to which there is a lack of Happiness and Peace in their Life, Fear, Disease, Stress, and dissatisfaction . In Ancient times our Sages and Rishi were aware of this subject/situation that people would go through. That is why the construction of a Mandir/ Puja Ghar in the home was planned.   Puja Ghar / Mandir plays an important role in our lives as having a Mandir at Home brings positive energies and protects us from Negative Energy. Mandir/ Puja Ghar is place where we Worship and share each and everything thing with God. Now let's talk about where we should not keep Mandir/Puja Ghar in the home , which direction for Puja Ghar/Mandir is considered auspicious and dangerous as per Vastu. According to Vastu Shastra, Puja Ghar / Mandir should not be kept in Southwest Direction because this direction is kno...

सोने का तरीका भी कर सकता है मालामाल वास्तु टिप्स के अनुसार

सोने का तरीका भी कर सकता है मालामाल वास्तु टिप्स के अनुसार

नींद सभी के लिऐ अत्यंत आवश्यक होती है मनुष्य अपने जीवन का

एक तिहाई हिस्सा सोने मे जाता है।

स्वास्थ के लिए नींद अती आवश्यक होती हैं। विश्राम भी एक

वैज्ञानिक आधार है ज्योतिष शास्त्र के अनुसार

सोने का तरीका कई बेहतर परिणाम दे सकता है

यदि आपके सोने का तरीका विपरीत वास्तु के नियम के अनुसार तो

धन हानि और परेशानी हो सकती है

वास्तुशास्त्र में अलग-अलग दिशाओं में शयनकक्ष के प्रभाव के

बारे में वर्णन किया गया है

शयन कक्ष में दिशा का महत्व

 

मास्टर बेडरूम में बिस्तर का सटीक स्थान दक्षिण क्षेत्र या दक्षिण-पश्चिम होना चाहिए.

1.वास्तु के अनुसार, घर की दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम दिशा में मास्टर बेडरूम की उपस्थिति पुरुष शक्ति केंद्र को संतुलित करने में मदद करती है. यह पार्टनर्स के बीच सकारात्मक केमिस्ट्री को बनाए रखता है.

2.पूर्व दिशा में शयन कक्ष होना बना सकते हैं खासकर बच्चों के लिए

3.उत्तर पूर्व (ईशान):- यह दिशा शयन कक्ष सही नही कहा जाता है इस दिशा में पूजा घर या बच्चो के सोने का कमरा बना सकते है

4.उत्तर दिशा:- यह दिशा शयन कक्ष के लिए उत्तम मानी जाती हैं विवाहित लोग इस दिशा का चयन कर सकते है विशेष रूप से उत्तर और वायव्य कोण के मध्य

5.उत्तर पश्चिम:- इस दिशा शयन कक्ष का निर्माण किया जा सकता हैं, यदि गृहस्वामी का व्यवसाय/सर्विस ऐसी होती हैं जिसमें अक्सर उन्हें टूर पर रहना होता हैं, उनके लिए वायव्य कोण में शयन कक्ष बनाना श्रेष्ठ रहेगा।

6.पश्चिम दिशा:- इस दिशा में भी शयन कक्ष बनाया जा सकता है

7.दक्षिण-पश्चिम दिशा:- इस दिशा को घर के प्रमुख या बड़े पुत्र के लिए अच्छा माना जाता है

8.दक्षिण पूर्व:- यह दिशा आशुभ मानी जाती है सोने आराम करने के अच्छी नही है यहाँ किसी का भी शयनकक्ष नहीं होना चाहिए खासकर विवाहित दंपति का इस दिशा में सोने से अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है जैसे अनिद्रा से ग्रस्त अथवा क्रोध आना, पूर्ण असन्तुष्टि मस्तिष्क में बनी रहना, जल्दबाजी में निर्णय लेकर, नुकसान उठाने पर पछतावा बना रहना ।

सभी वास्तु टिप्स को ध्यान में रख कर हम सभी अच्छे परिणाम पा सकते है जो दैनिक जीवन में सफलता तथा धन लाभ दे सकते है ।


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